Bijli Bill Mafi Scheme : आज जहां महंगाई के दौर में हर चीज की कीमत में उछाल देखने को मिल रही है। तो ऐसे में गृहस्थ जीवन में बहुत ही कठिनाइयों आज देखने को मिल रही है। और अगर बात करें तो हर घर में भी बिजली की खपत होती है। तो वहीं बिजली का बिल भी परिवारों के सर पर बोझ की तरह लगने लगा है। और हर महीने बढ़ती बिजली की खपत और उसे आया हुआ महंगे बिल एक समस्या बनकर उभरी है। तो इसी समस्या को दूर करने के लिए अनेकों राज्य सरकारों द्वारा अपने नागरिकों को राहत देने के लिए बिजली बिल माफी योजना का शुरूआत किया है। जो कि यह योजना गरीब परिवारों के लिए एक वरदान साबित हो रही है।
आजकल जहां सरकार बुनियादी जरूरत को पूरा करने में लगी है। ऐसे में बिजली भी एक बुनियादी जरूरत है। लेकिन आम आदमी की आय कम होने के वजह से बिजली बिल के कर्ज तले दबे हुए हैं। तो इन्हें आम आदमी को विचार में रखते हुए सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है। तो चलिए विस्तार से आगे जानते हैं, की कौन से राज्य में कितना बिजली बिल काम हुआ है। या कहां-कहां बिजली बिल माफ हुआ है।
विभिन्न राज्यों में लागू योजनाएं
भारत के कई राज्यों में बिजली बिल माफी या मुफ्त बिजली की योजनाएं संचालित की जा रही हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान करती है, जो घरेलू उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत है। इस योजना के तहत यदि किसी परिवार की मासिक बिजली खपत 200 यूनिट से कम है तो उन्हें कोई बिल नहीं देना पड़ता।
किसानों को भी राहत
बिहार में किसानों को एक किलोवाट तक के कनेक्शन पर हर महीने 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त दी जाती है। यह पहल कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से की गई है। इसी प्रकार राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, और हरियाणा जैसे राज्यों में भी अलग-अलग मापदंडों के आधार पर मुफ्त बिजली की सुविधा प्रदान की जा रही है।
हर राज्य अपनी आर्थिक क्षमता और नीतिगत
प्राथमिकताओं के अनुसार इन योजनाओं का क्रियान्वयन कर रहा है। कुछ राज्यों में 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाती है, जबकि अन्य में यह सीमा 200 यूनिट तक बढ़ाई गई है।
योजना का कार्यप्रणाली और लाभ
बिजली बिल माफी योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसके तहत जरूरतमंद लोगों की बिजली बिल पूरी तरह से माफ कर दी जाती है या फिर उन्हें कुछ यूनिट बिजली मुफ्त में दी जाती है। इस व्यवस्था के लिए उपभोक्ताओं को अलग से कोई आवेदन नहीं करना पड़ता है। सरकारी निर्देशों के अनुसार, यदि किसी राज्य में यह योजना लागू है तो उपभोक्ता के कनेक्शन पर स्वचालित रूप से मुफ्त यूनिट की गणना हो जाती है।
यदि कोई परिवार निर्धारित सीमा के अंदर बिजली का उपयोग करता है तो उसका बिल शून्य आता है। जब खपत निर्धारित सीमा से अधिक होती है, तब केवल अतिरिक्त यूनिट के लिए भुगतान करना पड़ता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई राज्य 200 यूनिट मुफ्त देता है और किसी परिवार ने 250 यूनिट का उपयोग किया है, तो केवल 50 यूनिट के लिए बिल आएगा।